सागर की उत्ताल तरंगो के वेग ने जब " ट्रुबा " को गले लगाया , हर कोई इस परिवर्तन के लिए तय्यार नहीं था। कुछ सहमा, कुछ झिझका सा किनारे खड़ा " ट्रुबा " का स्टाफ सांस रोकता सा इस महामिलन को देख रहा था........
अचानक........
आश्चर्य.......
अद्भुत !!!!
जी हाँ!!! अब हम हैं " ट्रुबा सागर " :
इस महामिलन हेतु मंगल कामनाएं----------।
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